दिल्ली की विभिन्न अनधिकृत कालोनियां व ग्रामीण इलाकों में डिसेंट्रलाइज एसटीपी का किया जाएगा निर्माण:मनीष सिसोदिया
आसिफ खान
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार 2025 तक यमुना की सफाई पूरी करने, दिल्ली के हर घर को 24 घंटे नल से साफ पानी देने और सभी अनाधिकृत कॉलोनियों के घरों को सीवर लाइन से जोड़ने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही है। इसी क्रम में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली जलबोर्ड को बवाना और मुंडका के कई इलाकों में डी-सेंट्रलाइज सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स का निर्माण करने, दिल्ली की विभिन्न अनधिकृत कॉलोनियों व ग्रामीण इलाकों में सीवर लाइन बिछाने और बवाना में 2 एमजीडी वेस्टवॉटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण करने आदि परियोजनाओं को मंजूरी दी। इन सभी परियोजनाओं की कुल लागत क़रीब 570 करोड़ रूपये है। परियोजनाओं के पूरा होने के बाद इससे जहां 2025 तक यमुना की सफाई के लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी। वहीं, दिल्ली अनधिकृत कॉलोनियों और ग्रामीण इलाकों में लाखों लोगों को सीवर की समस्या से भी राहत मिलेगी। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अधिकारियों को सभी परियोजनाओं को समय सीमा के अंदर काम पूरा करने के निर्देश दिए है।
इस मौके पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि केजरीवाल सरकार राष्ट्रीय राजधानी में सीवरेज सिस्टम को बेहतर बनाने, विभिन्न इलाकों में सीवर लाइन बिछाने और घर-घर सीवर कनेक्शन उपलब्ध कराने की दिशा में चरणबद्ध तरीके से काम कर रही है। यमुना में दूषित पानी न बहे इसी को ध्यान में रखते हुए दिल्ली की विभिन्न अनधिकृत कॉलोनियों और ग्रामीण इलाकों में केजरीवाल सरकार ने डिसेंट्रलाइज्ड सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने का निर्णय लिया है। जहां बड़े एसटीपी के लिए सभी जगहों पर पाइपलाइन बिछाना आसान नहीं है, लेकिन कम क्षमता के डी-एसटीपी का निर्माण कम खर्च में संभव है। डिसेंट्रलाइज्ड-सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के माध्यम से दिल्ली की अधिकांश कॉलोनियों में बढ़ते जल प्रदूषण, दुर्गंध और भूमिगत जल स्तर में गिरावट के बोझ से मुक्ति मिलेगी। इनके निर्माण के लिए उपलब्ध जगह का किफायत से इस्तेमाल किया जाएगा। जहां डिसेंट्रलाइज्ड-एसटीपी सौंदर्य की दृष्टि से भी सुंदर होंगे। वहीं, सार्वजनिक सुविधा से भी कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि मुंडका विधानसभा क्षेत्र के तहत निजामपुर, घेवरा, कंझावाला, मोहम्मदपुर माजरा समूह की कालोनियों में डीएसटीपी, डब्ल्यूडब्ल्यूपीएस के निर्माण के अलावा सीवर लाइन भी बिछाई जाएगी। यहां गरही रिन्धाला में 1 एमएलडी डीएसटीपी, निजामपुर और सावदा में 6 एमएलडी डीएसटीपी, घेवरा में 2 एमएलडी डीएसटीपी, जोंती व तातेसर में 2 एमएलडी डीएसटीपी, कंझावला व लाडपुर में 5 एमएलडी डीएसटीपी, मोहम्मदपुर मंजरी और कराला में 10 एमएलडी डीएसटीपी का निर्माण किया जाएगा। इन सभी इलाकों में कुल 26 एमएलडी की क्षमता वाले डिसेंट्रलाइज्ड-सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स बनाए जाएंगे। इसके अलावा मुंडका के जोंटी- तातेसर गांव, मोहम्मदपुर मंजरी और कराला गांव समेत आसपास की कॉलोनियों में सीवर लाइन बिछाई जाएगी। वहीं, कंझावला व लाडपुर गांव, निजामपुर व सावदा, घेवरा गांव समेत आसपास की कॉलोनियों में भी सीवर की समस्या का समाधान करने के लिए केजरीवाल सरकार सीवरलाइन बिछाएगी। इससे इलाके के लाखों लोगों को सीवर की समस्या से निजात मिलेगी। मुंडका विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले इन ग्रामीण इलाकों में डिसेंट्रलाइज्ड-सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स और सीवर लाइन बिछाने के परियोजना में में 427.6 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
बवाना में डिसेंट्रलाइज्ड सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का किया जाएगा निर्माण
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि बवाना विधानसभा क्षेत्र के कुछ गांवों और अनधिकृत कॉलोनियों में व्यक्तिगत घरों के सीवेज के ट्रीटमेंट व यमुना नदी में दूषित पानी को जाने से रोकने के इस क्षेत्र में भूमि की उपलब्धता के अनुसार विभिन्न स्थानों पर सीवरेज नेटवर्क बिछाने और डी-सेंट्रलाइज सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण किया जाएगा। इससे यहां की कुल 24 अनधिकृत कालोनियों समेत 9 गांव के लाखों को फायदा होगा। इस परियोजना की लागत करीब 132.6 करोड़ रुपये होगी। वर्तमान में, घरों का सीवेज नालों में बह रहा है, जो आखिर में यमुना नदी में जाकर गिरता है। ऐसे में यहां डिसेंट्रलाइज्ड सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण से सीवरेज को यही ट्रीट किया जा सकेगा और इससे यमुना के प्रदुषण में कमी आएगी।