नई दिल्ली। भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा स्थापित शीर्ष व्यापार संस्था, सेवा निर्यात संवर्धन परिषद (SEPC) ने दो प्रमुख विषयों पर चर्चा के लिए एक इंटरेक्टिव सत्र का आयोजन किया। इनमें सेवा निर्यात के जिए कार्यबल कौशल में बदलाव और उच्च शिक्षा काअंतर्राष्ट्रीयकरण शामिल थे।
वाणिज्य मंत्री, पीयूष गोयल ने अपनी उपस्थिति से इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। उन्होंने दोहराया कि सेवा एक तेजी से विकसित होने वाला क्षेत्र है और अभूतपूर्व विकास को देखते हुए, इस क्षेत्र को प्रोत्साहन की बैसाखी की आवश्यकता नहीं है। आशा है कि यह क्षेत्र 2022-23 तक 350 अरब डॉलर और 2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य को हासिल करने की राह पर आगे बढ़ रहा है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रीइस बात पर जोर दिया कि सेवा क्षेत्र को प्रोत्साहन और सब्सिडी के बिना बड़े सपने देखने और वैश्विक स्तर पर बाजार में प्रतिस्पर्धी बनने के लिए आगे बढ़ने की जरूरत है। सेवाओं में आत्मनिर्भरता और आत्म निर्भर भारत आगे का रास्ता है। राज्य मंत्री, शिक्षा मंत्रालय, डॉ सुभाष सरकार भी इस अवसर पर मौजूद थे और उन्होने विचार-विमर्श में भाग लिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कैसे नई आर्थिक नीति देश में शिक्षा क्षेत्र में सुधार की नींव रखेगी और उच्च शिक्षा के कौशल और अंतर्राष्ट्रीयकरण को बढ़ावा देने में मदद करेगी।
इस सत्र ने शिक्षा क्षेत्र में कौशल विकास और दक्षताओं को विकसित करने के लिए योजना के विचार और रोड मैपिंग को बढ़ावा दिया ताकि इससे दुनिया को अद्वितीय सेवाएं प्रदान करने में सक्षम बनाया जा सके। इसके अलावा, यह एनईपी और एफटीए को ध्यान में रखते उच्च शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण केंद्रित रहा।
सेवा क्षेत्र में व्यक्त विश्वास और भारतीय अर्थव्यवस्था में इसके योगदान की स्वीकृति को ध्यान में रखते हुए, एसईपीसी सेवाओं के निर्यात को बढ़ाने और भारतीय अर्थव्यवस्था में अपने योगदान को बढ़ाने के लिए सभी तरह के प्रयास कर रहा है।