नितिन अहलावत ने दिल्ली बार एसोसिएशन ऑफ तीस हजारी कोर्ट में ली अध्यक्ष पद की शपथ
-उच्च न्यायालय के न्यायाधीश तलवंत सिंह और सुरेश कैत समारोह में उपस्थित थे। जिला न्यायालय के न्यायाधीश भी मौजूद थे
नई दिल्ली। दिल्ली बार एसोसिएशन (डीबीए) को पदाधिकारियों की टीम का नवनिर्वचन हुआ है, जिसमें नितिन अहलावत और गिरीश कौशिक को क्रमशः निर्वाचित अध्यक्ष और उपाध्यक्ष घोषित किया गया है। दिल्ली बार एसोसिएशन के चुनाव के नतीजे पिछले हफ्ते घोषित किए गए थे।
प्रतिष्ठित एसोसिएशन के अन्य पदाधिकारियों में मनीष शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, अतुल शर्मा, सचिव, धर्मेंद्र बसोया, अतिरिक्त सचिव, श्वेता रानी, संयुक्त सचिव और साहिल पुरी, कोषाध्यक्ष के पद पर सेवा प्रदान करेंगे। प्रदीप नागर और अमरजीत सिंह सदस्य कार्यकारी चुने गए हैं और सचिन शर्मा और पूज्य सिंह सदस्य चुने गए हैं जबकि रेणु मलिक महिला सदस्य के तौर पर चुनी गईं हैं।
डीबीए में इन पदों की नियुक्ति के लिए 15 सितंबर को चुनाव आयोजित किया गया था। जबकि अध्यक्ष पद के लिए कुल सात उम्मीदवार मैदान में थे, एडवोकेट नितिन अहलावत, जो वर्ष 2000 से दिल्ली बार एसोसिएशन की सेवा कर रहे हैं, ने सभी प्रतिद्वंदियों को पछाड़कर भारी मतों से जीत दर्ज की।
दिल्ली बार एसोसिएशन के नए अध्यक्ष चुने जाने पर अपने समर्थकों को धन्यवाद करते हुए नितिन अहलावत ने कहा कि “जिस भी अजेंडा के साथ हम मैदान में उतरे, मतदाताओं से हमने वादा किया उसपर अडिग है और उसको पूरा करेंगे।”
वर्ष 2000 में एक कार्यकारी सदस्य के रूप में शुरुआत करते हुए, नितिन अपने पूरे अभ्यास के दौरान एक अनुभवी वकील तौर पर उभरे। इससे पूर्व वह दो बार अतिरिक्त सचिव के रूप में भी चुने जा चुके हैं और उन्होंने वर्ष 2012-2014 के दौरान मानद सचिव के रूप में भी काम किया है। उन्होंने बार की सुविधाओं और वित्तीय संसाधनों में उल्लेखनीय सुधार लाकर एक स्वच्छ प्रशासक की प्रतिष्ठा अर्जित की है।
नितिन अहलावत 2009 से बार काउंसिल ऑफ दिल्ली के सदस्य भी रहे हैं। वह अपने कार्यकाल के दौरान माननीय सचिव और कार्यकारी अध्यक्ष का पद भी संभाल चुके हैं। उनके सम्मानजनक व्यवहार, ईमानदारी और सजग वयक्तित्व से उन्हें पुराने और युवा पीढ़ी के वकीलों का विश्वास जितने में काफी मदद मिली।
चुनावों से पहले, नितिन ने डीबीए के अध्यक्ष के रूप में कार्यकाल पूरा करने के लिए स्पष्ट एजेंडा निर्धारित किया है, जिसमें एक साफ-सुथरा बार, पेशेवर वकीलों का कल्याण, पूरी तरह से वाई-फाई सक्षम अदालत परिसर और कक्ष, पेशेवर एजेंसियों द्वारा बनाए गए स्वच्छ शौचालय और सामान्य और परामर्श कक्ष में बेहतर बैठने की व्यवस्था को दुरुस्त करना शामिल है।
तीस हजारी कोर्ट परिसर के बाहर जाम की समस्या को देखते हुए वकीलों के लिए सुगम पार्किंग सुविधा और अनाधिकृत पार्किंग के खिलाफ तत्काल कार्रवाई भी उनकी प्राथमिकता सूची में है। उन्होंने जो एजेंडा तय किया, वह मतदाताओं से जुड़ा है जिसके बदौलत उन्हें चुनाव में एक मजबूत दावेदारी मिली और उन्होंने हाथों-हाथ चुनाव जीत लिया।