सफदरजंग अस्पताल में हुआ पहला रोबोटिक रीनल ट्रांसप्लांट
- बना देश का पहला सरकारी अस्पताल,पांच साल से परेशान था मरीज
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रोबोटिक बेहतर विकल्प
डॉ. अनूप ने बताया कि मरीज किडनी के साथ मोटापा का भी मरीज था। यदि सामान्य तरीके से ट्रांसप्लांट करते तो 12 सेंटीमीटर का चीरा लगाना पड़ता, जिससे आगे चल कर मरीज को इंफेक्शन होने का खतरा रहता। वहीं दर्द के साथ हर्निया बनने की आशंका रहती। महिलाओं में भी सामान्य तकनीक से समस्याएं आ जाती है। रोबोटिक तकनीक एडवांस हैं जिसकी मदद से इन समस्याओं को दूर किया जा सकता है।
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पत्नी के डोनेट की किडनी
39 पति मुकेश को उसकी 34 वर्षीय पत्नी रंजना ने किडनी डोनेट की। डॉक्टर ने बताया कि डोनर स्वस्थ है और डॉक्टरों की निगरानी में है। डॉक्टरों की माने तो शुक्रवार को उसे छुट्टी दी जा सकती है।