काम का स्वस्थ माहौल कंपनी के विकास में अहम योगदान देता हैः मेडीबडी हेल्थ एवं वेलनेस सर्वे

नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े डिजिटल हेल्थकेयर प्लेटफॉर्म मेडीबडी द्वारा हाल ही में किए गए हेल्थ एवं वेलनेस सर्वे में सामने आया कि काम का स्वस्थ माहौल कंपनी के विकास में अहम योगदान देता है। सर्वेक्षण में आईटी/आईटीईएस, बैंकिंग, एफएमसीजी, मैन्यूफैक्चरिंग और संबंधित क्षेत्रों में कार्यरत 150 से ज्यादा कंपनियों में काम कर रहे लोगों को शामिल किया गया। इसमें सामने आया कि स्वास्थ्य एवं कल्याण से जुड़ी विभिन्न पहल का उत्पादकता और इस बात से सीधा संबंध होता है कि कंपनी में कितने कर्मचारी बने रहना (रिटेंशन) चाहते हैं।

सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाले 77 प्रतिशत लोगों ने इस बात से सहमति जताई कि स्वास्थ्य एवं कल्याण से जुड़ी पहल का उत्पादकता से सीधा संबंध है। ज्यादातर ने माना कि जिन कंपनियों में बेहतर एवं सुगठित हेल्थ एंड वेलनेस प्रोग्राम होते हैं, उनके सफल रहने और अच्छे परिणाम पाने की संभावना ज्यादा रहती है। सर्वे में 69 प्रतिशत ने कहा कि किसी कंपनी से जुड़ने का फैसला लेते समय यह निर्णायक बिंदु होता है कि कंपनी में स्वास्थ्य एवं कल्याण से जुड़े क्या लाभ मिल रहे हैं।

आज के जटिल कॉरपोरेट परिदृश्य में कर्मचारी के स्वास्थ्य एवं कल्याण के मसले की अक्सर अनदेखी की जाती है, जिससे कर्मचारियों में असंतोष पनपने और ज्यादा एट्रिशन रेट (नौकरी छोड़कर जाने की दर) देखने को मिल सकती है। सर्वे का उद्देश्य कर्मचारियों पर स्वास्थ्य एवं कल्याण के कदमों से पड़ने वाले प्रभाव को समझना था। साथ ही यह भी जानने का प्रयास किया गया कि इससे कंपनियों के विकास एवं रिटेंशन रेट पर प्रभाव पड़ता है या नहीं।

सर्वे में सामने आया कि 89 प्रतिशत प्रतिभागी इस बात का भरोसा चाहते हैं कि कंपनी उनके कल्याण को महत्व देगी। कोविड के बाद से कर्मचारी और नियोक्ता स्वास्थ्य एवं कल्याण पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं। इसी दिशा में कई कंपनियां ऐसी सर्विस दे रही हैं, जिनमें हॉस्पिटलाइजेशन से ज्यादा की बात कही जा रही है। इसमें टेलीमेडिसिन, एनुअल हेल्थ चेकअप और दवाएं आदि शामिल हैं। कर्मचारी फार्मेसी बेनिफिट, डॉक्टर कंसल्टेशन, प्रिवेंटिव हेल्थ चेकअप आदि के बारे में जानना चाहते हैं।

मेडीबडी के सीईओ एवं सह-संस्थापक श्री सतीश कन्नन ने कहा, ‘पुरानी कहावत है हेल्थ इज वेल्थ (सेहत की संपत्ति है)। वर्तमान दौर में यह और भी ज्यादा प्रासंगिक है। लगातार देखने में आ रहा है कि कंपनियां इस दिशा में कदम उठा रही हैं, क्योंकि इससे कर्मचारियों का विश्वास मजबूत होता है, जिससे कंपनी के प्रति उनका समर्पण बढ़ता है और प्रदर्शन कई गुना सुधर जाता है। मेडीबडी में हमारे पास कॉरपोरेट क्लाइंट का सबसे बड़ा नेटवर्क है और हम देख रहे हैं कि कंपनियां काम के लिए स्वस्थ परिवेश बनाने पर जोर दे रही हैं।’

मेडीबडी भारत में सदैव डिजिटल हेल्थकेयर ट्रांसफॉर्मेशन के मामले में अग्रणी रहा है। इस डिजिटल हेल्थकेयर प्लेटफॉर्म के पास 90,000 से ज्यादा डॉक्टरों, 7,000 अस्पतालों, 3,000 डायग्नोस्टिक सेंटर, 2,500 फार्मेसी और 2,400 सदस्यों की टीम का एक बड़ा नेटवर्क है। इसने एक इंटीग्रेटेड इकोसिस्टम तैयार किया है, जिससे मरीजों को 16 भाषाओं में कई तरह की स्वास्थ्य सेवाएं मिलती हैं। इससे टियर 2 और टियर 3 शहरों में कंसल्टेशन का यूजर फ्रेंडली माहौल बनता है, जिसका लाभ मरीज कभी भी और कहीं भी ले सकते हैं। मेडीबडी ऑनलाइन डॉक्टर कंसल्टेशन, मेडिसिन डिलीवरी, घर बैठे स्वास्थ्य जांच, मेंटल हेल्थ कंसल्टेशन, सर्जरी केयर और कई अन्य सर्विस उपलब्ध कराता है।

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